रणवीर सिंह उन नामचीन एक्टरो मे से एक है जिन्होने 6 साल के अंदर एक से एक हिट फिल्मे देकर बालीवुड मे अपना सिक्का जमा लिया है । सिर्फ फिल्मे ही नही रणवीर लोगो के दिलो मे भी राज कर रहे है। इसकी वजह है कि वो बहुत ही स्वीट पर्सन हैं उनको हर केाई पंसद करता है। फिलहाल रणवीर सिंह बाजीराव मस्तानी के बाद अदित्य चोपड़ा की फिलम बेफ्रिके लेकर आ रहे है ।
इस फिल्मे की खास बात ये है आदित्य चोपड़ा पूरे आठ साल बाद इस फिल्म बेफ्रिके से एक बार फिर डीरेक्शन्स की बागडोर संभाल रहे हैं। रणवीर बेफ्रिके केा लेकर क्या सोचते हैं ? आदित्य चेापड़ा और संजय लीला जैसे दिग्गज डायरेक्टरो के साथ उनका काम करने का अनुभव कैसा रहा ? ऐसे ही कई दिलचस्प सवालो का जवाब दिया रणवीर सिंह ने अपने दिलचस्प अंदाज के साथ …
रणवीर आप बाजीराव जैसी भारी भरकम फिल्म के बाद अब लाइट हार्टैड फिल्म बेफिक्रे लेकर आ रहे हैं । इस फिल्मे को लेकर आप क्या कहेगे ?
बेफिक्रे सही मे एक लाइट हार्टेड फिल्मे है जो रोमांस और मनोरजंन से भरपूर हल्की फुल्की फिल्मे है। जिसमे आपको रोमांटिक रिलेशन शिप को समझने और उसे जीने की जानकारी मिलेगी । फिल्मे को यू ए सर्टिफिकेट मिला है ये एक मनोरंजक और रोमांटिक मौज मस्ती वाली फिल्म है जो दशको को जरूर पसंद आयेगी।
बेफिक्र के जरिये आदित्य चोपड़ा करीबन आठ साल बाद खुद डीरेक्शन्स करने जा रहे हैं । और ये भी कहा जा रहा है कि इस फिल्म के लिये आप उनकी पहली और आखरी पंसद थे?
इस मामले मे मै अपने आप को खुशनसीब मानता हूं कि आदित्य सर ने मुझे ध्यान मे रख कर ये कहानी लिखी है। वो खुद इस फिल्म का डीरेक्शन्स इस लिये करना चाहते थे क्योकि इस फिल्म की कहानी के साथ पूरी तरह न्याय कर सके। क्योकि ये स्क्रिप्ट उनकी ही लिखी हुई है इस लिये उनको ही पता है कि कहानी को किस तरह पेश करना है।
इस फिल्म मे कहा जा रहा है कि 23 चुंबन दृस्य है ऐसे मे इस फिल्म को यू ए सर्टिफिकेट कैसे मिल गया । या ये पारिवारिक फिल्म कैसे हैं ?
क्योकि इस फिल्म का दिल देसी है । बेफिक्रे की कहानी आम लेागो को रिलेट करती है। इसमे चुंबन दृस्य जरूर है लेकिन वह अश्लील नही है जिसे कि आप अपने परिवार के साथ बैठ कर ना देख सको । इसमे चुंबन दृस्य है जरूर लेकिन वो प्यार को दर्शाते हैं गलत नही लगते । इस फिल्म की कहानी आज की युवा पीढी को रिेलेट करती हैं एक रोमाटिक मनोरंजन फिल्म है जो परिवार और दोस्तो के साथ मिल कर देखी जा सकती है।
बेफिक्रे मे आप पहली बार वाणी कपूर के साथ काम कर रहे हैं उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ?
बाणी बहुत अच्छी एक्र्टेस है बहुत मेहनती भी है। उसमे सबसे खास बात ये है कि वो बहुत पाजीटिव है उसकी पाजीटिव एनर्जी मुझे भी अच्छा फील करवाती है उसके साथ काम करने वाला हर शख्त भी पाजीटिव हो जाता है। यही वजह है कि मुझे वाणी के साथ फिल्म मे काम करने मे बहुत अच्छा फील हुआ ।
बेफिक्रे मे 23 चुंबन दृस्यों के बाद कही आपकी तुलना इमरान हासमी चुंबन एक्सर्पट से तो नही होने लगेगी । कही आप इमरान हासमी तो नही बन रहे इस मामले मे ?
नही मुझे रणवीर ही रहना है इमरान नही बनना । जंहा तक इमरान का सवाल है तो वह बहुत अच्छे एक्टर हैं मै उनका तब से फैन हूं जब मै फिल्म मे आया भी नही था। मै उनकी फिल्म का इंतजार करता हूं। चुंबन के अलावा भी वह अपने अभिनय मे काफी कुछ पेश करते हैं । मै उनके अभिनय का कायल हूं
बेफिक्रे मे कहा गया है कि प्यार तो करेगे रिलेशन मे भी रहेगे लेकिन कोई कमिटमेट नही करेगे और ना ही शादी की बात करेगे क्या आप इस तरह के रिलेशन को सही मानते हैं जो इस फिल्म मे दिखाया गया है ?
इसका मतलब है कि प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम ना दो । रोमांटिक रिलेशन शिप मे कई सारी लेयर्स होती है। जो अलग अलग तरह के प्यार को दर्शाती है। आजं की युवा पीढी अपनी रोमांटिक रिलेशन शिप को लेकर बहुत क्लीयर है। वही इस फिल्म मे दिखाया गया है। जहा तक मेरा सवाल है तो मै इस मामले मे थोडा पिछड़ा हुआ हूं । मै ट्रेडीसनल परिवार से हूं मेरी परिवरिश उस समय की है जब इंटरनेट और सोशल मीडिया नही था । लिहाजा मे रिलेशन शिप को लेकर अलग सोच रखता हूं। हां मै कह सकता हूं कि मै प्यार के मामले मे बेफिक्र जरूर हूं लेकिन बेपरवाह नही हूं। मेरे लिये प्यार और रिलेशन शिप बहुत मायने रखती है।
बाजीराव और आपकी आने वाली एतिहासिक फिल्म पदमावती के बीच क्या आपने ने जान बूझ कर ये हल्की फुल्की फिल्म बेफिर्के मे काम करना मजूंर किया ताकि आप थोड़ा रिलैक्स हो जाए ?
आपको आब्जवेसन अच्छा है । लेकिन ये भी सच है कि मैने ऐसा कुछ सोच कर फिल्म साइन नही की थी। हां शायद ये उपर वाले का करम है कि मुझे उसने दो एतिहासिक फिल्म के बीच मे बेफ्रिके जैसी लाइट हार्टैड फिल्म करने का मौका दे दिया ।
क्या आपको एतिहासिक फिल्म करना मुष्किल लगता है ? जैसे कि शहीद कपूर और दीपिका पादुकोण के अनुसार एतिहासिक फिल्म करना बहुत चेलेंजिग हेाता है ?
इस बारे मे मै यही कहूंगा कि हर कलाकार की अपनी अलग सोच हेाती है। जैसे कि रणबीर कपूर के अनुसार उनको ए दिल है मुष्किल और ये जवानी है दिवानी करना मुष्किल लगता है क्येाकि उसमे खुद की पर्सनेल्टी सामने आती है जिसे किरदार मे उभार कर लाना पड़ता है। पर्सनली मेरे लिये एतिहासिक फिल्म हो या नार्मल फिल्म इससे कोई फर्क नही पड़ता मै अपनी हर फिल्म मे मेहनत करता हूं । और इसे अपना पैशन समझता हूं।
कहा जाता है कि आदित्य चोपड़ा और संजय लीला भंसाली जैसे बड़े डायैक्टरो की फिल्म से जुड़ कर आप शाहरुख़ की टैरीटरी मे घुश गये हैं?
मै किसी की भी टैरीटरी मे नही घुश हूं। मै सिर्फ अपना काम कर रहा हूं। हां मुझे इस बात का गर्व उस वक्त जरूर महसूस हुआ जब किसी ने कहा था कि आदित्य और संजय लीला की अमिताभ बच्चन और शाहरुख़ खान के बाद तीसरी पंसद मै बन गया हूं। ये सुनकर मुझे बहुत खुसी हुई थी।
आदित्य चोपड़ा और संजय लीला भंसाली के साथ काम करने के बाद क्या केाई और डायेरक्टर है जिसके साथ आप काम करने की इच्छा रखते हो ?
संजय लीला और आदित्य के अलावा मै अपने उन डायरेक्टरो के साथ भी काम करके बेहद खुश हु जिनसे मुझे काफी कुछ सीखने को मिला जैसे जोया अख्तर विक्रमादित्य मोटवानी मनीश अली आदि । जंहा तक भविश्य मे अन्य डायरेक्टरो के साथ काम करने की बात है तो मै यंग और टैलेन्टैड डायरेकटरो के साथ काम करना चाहता हू। जो नई सोच रखते हैं जिनके पास नये नये आइडियाज है। नये सब्जेक्ट हैं।
आज कल पांच सौ हजार नोट बंद होने की वजह से आम जनता परेशां घूम रही है क्या आपको किसी परेशानी का सामना करना पड़ा ?
नही क्योंकि मै नंबरो मे शामिल नही हु मुझे जंब पैसे की जरुरत होते है तो पापा से मांग लेता हु । मेरी गणित और इकोनोमी बहुत खराब है इस लिये मुझे इन सब बातो से काफी दूर हूं।
आरती सक्सेना पत्रकार मुम्बई